ऋषिकेश 03 जून। तीर्थ नगरी ऋषिकेश के हृदय स्थल त्रिवेणी घाट पर इस माह में होने वाली जी-20 सम्मेलन के दौरान गंगा आरती में विदेशी मेहमानों की शिरकत को लेकर त्रिवेणी घाट से तीर्थ पुरोहित समिति का कार्यालय/ सूचना केंद्र को हटाने पर तीर्थ पुरोहितों में रोष उत्पन्न हो गया है। जिसको लेकर वेदस्थानम् में तीर्थ पुरोहित समिति की एक बैठक आहूत की गई । जिसमें प्रशासन के द्वारा उठाये गये इस कदम के विरूद्ध माननीय प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कार्यवाही कर पुनर्निर्माण की माग करी ।
तीर्थ पुरोहित समिति के अध्यक्ष महन्त विनय सारस्वत की अध्यक्षता में हुई बैठक में सर्वसम्मति से कहा गया कि नगर निगम ऋषिकेश द्वारा पूर्व में पास बोर्ड प्रस्ताव द्वारा तीर्थ पुरोहित समिति को देश-विदेश से आने वाले तीर्थयात्री एवं श्रद्धालुओं की सेवा एवं सहयोग के लिये कार्यालय / सूचना केन्द्र हेतु स्थान आबंटित किया गया था, जो कि सरकारी दस्तावेजों में अंकित है।बैठक में यह भी कहा गया कि पुरोहित / पण्डितों द्वारा अपने स्वयं के धन से कार्यालय / सूचना केन्द्र का निर्माण किया गया जिसको जी-20 के नाम पर अतिक्रमण का रूप देकर हटाया गया जबकि वह कहीं भी जी-20 के दौरान त्रिवेणी घाट पर होने वाली गंगा आरती में किसी भी तरह का व्यवधान उत्पन्न नहीं कर रहा था। देश में किसी भी तीर्थस्थान पर तीर्थ पुरोहितों के लिये स्थान होना सनातन परम्परा के अनुसार आवश्यक है। इसी प्रकार हरिद्वार में भी तीर्थ पुरोहितों के लिये स्थान सुनिश्चित है।
समिति के अध्यक्ष महंत विनय सारस्वत ने यह भी बताया कि बैठक से पूर्व तीर्थ पुरोहितो द्वारा जी-20 में आने वाले विदेशी मेहमानों को वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच गंगाजली एवं शॉल आदि भेंट कर स्वागत की तैयारियाँ की जा रही थी। चूँकि तीर्थ पुरोहित समिति सदैव ही “अतिथि देवो भव” के सिद्वान्त पर कार्य करती है।
बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि उपरोक्त प्रशासन की कार्यप्रणाली को पत्र द्वारा माननीय प्रधानमंत्री के संज्ञान में लाकर अविलम्ब ही जी-20 कार्यक्रम से पूर्व प्रशासन को उक्त कार्यालय / सूचना केन्द्र यथावत सौन्दर्यीकरण के साथ निर्माण करने के आदेश देने हेतु अपील की।