टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड ने मनाया 37वां स्थापना दिवस उपक्रम की सफलता कर्मचारियों के सामूहिक प्रयासों,  कार्य की उत्कृष्टता और ईमानदारी के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का ही परिणाम : आर. के. विश्नोई



ऋषिकेश, 12 जुलाई। टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के कारपोरेट कार्यालय, ऋषिकेश सहित सभी यूनिटों/परियोजनाओं एवं कार्यालयों में 37वां स्थापना दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया । इस अवसर पर निगम के कारपोरेट कार्यालय, ऋषिकेश में अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक,  आर. के. विश्नोई ने टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड का ध्वज फहराया तथा रसमंजरी हॉल में बड़ी संख्या में उपस्थित अधिकारियों एवं कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों को संबोधित किया।

समारोह का शुभारंभ अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक,  आर. के. विश्नोई, निदेशक (कार्मिक), शैलेन्द्र सिंह, और निदेशक (तकनीकी),  भूपेंद्र गुप्ता ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया । जिसमें टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के पूर्व अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक,  आर.के.शर्मा भी विशेष रूप से उपस्थित रहे। यह आयोजन निगम द्वारा देश के विद्युत क्षेत्र में पिछले 03 दशकों से अधिक परिवर्तनकारी योगदान और भावी उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए समर्पित रहा।

उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए,  विश्नोई ने टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड की 37 वर्षों की उल्लेखनीय यात्रा पर प्रकाश डाला। उन्होंने 1988 में निगम की स्थापना के बाद प्रगति पथ पर आई विभिन्न चुनौतियों से निपटते हुए प्राप्त की गई अनेक महत्वपूर्ण उपलब्धियों के बारे में बताया। उन्होंने निगम के अधिकारियों व कर्मचारियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके अटूट समर्पण और दृढ़ता से ही कंपनी ने अनेक नए मुकाम हासिल किए हैं।  विश्नोई ने इस बात पर जोर दिया कि स्थापना दिवस न केवल गर्व का क्षण है, बल्कि यह भावी लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करते हुए निरंतर प्रणाली गत सुधार पर पुनर्विचार करने और उन्हें पुनर्संरेखित करने का समय भी है।

उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड की सफलता कर्मचारियों के सामूहिक प्रयासों, उत्कृष्टता के साथ कार्य करने और ईमानदारी के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का ही परिणाम है। उन्होंने कंपनी की उपलब्धियों पर गर्व व्यक्त किया और टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड को एक वैश्विक ऊर्जा संगठन के रूप में स्थापित करने के विजन को दोहराया, जो स्थायी समाधान के माध्यम से भारत की नेट-जीरो आकांक्षाओं को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है।

इस अवसर पर निगम के पूर्व अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक,  आर.के.शर्मा को उनके दूरदर्शी नेतृत्व और संगठन की सफलता में उनके अमूल्य योगदान के लिए “नमन पुरस्कार” से सम्मानित किया गया।

इस आयोजन में उत्कृष्ट उपलब्धियाँ अर्जित करने वाले, श्रेष्ठ शैक्षणिक उत्कृष्टता दर्शाने वाले बच्चों और निगम द्वारा आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजेता रहे कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों को पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया। इसके अलावा, कार्यक्रम में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला भी आयोजित की गई।
निगम के स्थापना दिवस के उत्सव को बढ़ावा देने के लिए 01 जुलाई, 2024 से 10 जुलाई, 2024 तक “जलसा: प्री-स्थापना दिवस महोत्सव” का आयोजन किया गया जिसमें संगीत, नृत्य, प्रतियोगिताओं और अनेक रोमांचक कार्यक्रम आयोजित किए गए । इन कार्यक्रमों में कर्मचारियों के लिए प्रेरणादायक सत्र, पाक कला प्रतियोगिताएं, बच्चों के लिए प्रतिभा शो, टेलेंट शो आदि शामिल थे। इन आयोजनों का प्रमुख उद्देश्य टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के अधिकारियों के बीच एकता की भावना बढ़ाना और उनके परिवार के सदस्यों के द्वारा दिए जा रहे महत्वपूर्ण सहयोग को पुरस्कृत करना था।

पूरे समारोह का लाइव प्रसारण किया गया, जिससे निगम के विभिन्न स्थानों पर सभी कर्मचारियों को उत्सव में भाग लेने का अवसर मिला। कार्यक्रम का समापन  ईश्वर दत्त तिग्गा, अपर महाप्रबंधक, (मा.सं. एवं प्रशा.) द्वारा दिए गए धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, उन्होंने टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड की निरंतर सफलता में योगदान देने वाले सामूहिक प्रयासों के लिए सराहना की। टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड अपने 37वें स्थापना दिवस के अवसर पर उत्कृष्टता और नवाचार की भावना से प्रेरित होने के संकल्प के साथ भावी प्रगति पथ पर अग्रसर होने के लिए कार्यशील है।

टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड ने जीता नराकास वैजयंती का प्रथम पुरस्कार



ऋषिकेश, 29-जनवरी। : आर. के. विश्नोई, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड ने निगम के कारपोरेट कार्यालय, ऋषिकेश को नराकास राजभाषा वैजयंती (प्रथम पुरस्कार) प्राप्त होने पर हर्ष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार निगम में राजभाषा कार्यान्वयन के उत्कृष्ट निष्पादन को प्रदर्शित करता है। उन्होंने निगम के अधिकारियों व कर्मचारियों से आग्रह किया कि राजभाषा कार्यान्वयन की दिशा में वे अपना अमूल्य योगदान देना जारी रखें।

नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति की 37वीं बैठक आज होटल गार्डेनिया, सिडकुल, हरिद्वार में पंजाब नेशनल बैंक, मंडल कार्यालय, हरिद्वार के सौजन्य से आयोजित की गई। बैठक की अध्‍यक्षता नराकास, अध्‍यक्ष एवं टीएचडीसी के निदेशक(कार्मिक), शैलेन्‍द्र सिंह ने की। बैठक में हरिद्वार, रूड़की, ऋषिकेश एवं पर्वतीय क्षेत्र में स्‍थित केंद्र सरकार के प्रतिष्ठित सदस्‍य संस्‍थानों के प्रमुखों एवं प्रतिनिधियों एवं राजभाषा अधिकारियों ने बड़ी संख्‍या में प्रतिभागिता की ।

कार्यक्रम में सर्वप्रथम समिति के अध्‍यक्ष एवं टीएचडीसी के निदेशक (कार्मिक),  शैलेन्‍द्र सिंह, पंजाब नेशनल बैंक के अंचल प्रमुख  एस.एन.दूबे, मंडल प्रमुख,  रवीन्द्र कुमार, बीएचईएल हरिद्वार के कार्यपालक निदेशक,  टी.एस.मुरली एवं अन्‍य विशिष्‍ट अतिथियों का स्‍वागत किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्‍ज्‍वलित कर किया गया।

बैठक में नराकास राजभाषा वैजयंती योजना के अंतर्गत सदस्य संस्थानों को राजभाषा शील्ड प्रदान कर सम्मानित किया गया। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की श्रेणी में टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड ने प्रथम, बीएचईएल, हरिद्वार ने द्वितीय एवं भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड, लंढोरा ने तृतीय पुरस्कार प्राप्त किया। श्रेणी-2 भारत सरकार के कार्यालय/बोर्ड/स्वायत्तशासी निकाय के अंतर्गत केंद्रीय विद्यालय, हरिद्वार ने प्रथम, राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान, रुड़की ने द्वितीय, सीएसआईआर-केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान, रुड़की ने तृतीय तथा अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, ऋषिकेश ने प्रोत्साहन पुरस्कार प्राप्त किया। राष्ट्रीयकृत बैंक एवं बीमा कंपनियों की श्रेणी में पंजाब नेशनल बैंक, मंडल कार्यालय, हरिद्वार, दि न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, ऋषिकेश एवं बैंक ऑफ बड़ौदा, हरिद्वार शाखा को तृतीय पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया।

बैठक के दौरान पुरस्कार वितरण समारोह में समिति के अध्यक्ष,  शैलेन्द्र सिंह ने अपने कर-कमलों से विजेता संस्थानों के प्रमुख एवं प्रतिनिधियों को ये शील्ड प्रदान की। साथ ही छमाही के दौरान आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को भी पुरस्कृत किया गया।
बैठक में नराकास सचिव,  पंकज कुमार शर्मा द्वारा नराकास हरिद्वार द्वारा आयोजित गतिविधियों एवं राजभाषा से संबंधित नवीनतम जानकारियों से अवगत कराया गया। उन्होंने राजभाषा हिंदी की प्रगति की अर्धवार्षिक रिपोर्टो की समीक्षा की। इसके उपरांत चर्चा सत्र का आयोजन किया गया जिसमें उपस्‍थित सदस्‍य संस्‍थानों के प्रमुख एवं प्रतिनिधियों ने अपने बहुमूल्‍य सुझाव दिए।

समिति के अध्‍यक्ष, शैलेन्‍द्र सिंह ने अपने संबोधन में सभी सदस्‍य संस्‍थानों के प्रमुखों एवं प्रतिनिधियों को नववर्ष एवं गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं संप्रेषित की। उन्होंने कहा कि पूरे राष्‍ट्र को एक सूत्र में पिरोने में हिंदी ने अपनी महति भूमिका निभाई है। आजादी के आंदोलन में हिंदी के योगदान एवं देश के सबसे बड़े भाग में बोली जाने वाली हिंदी भाषा को संविधान में संघ की राजभाषा के रूप में अपनाया गया। संविधान में की गई व्यवस्था के अनुसार 22 क्षेत्रीय भाषाओं को राजभाषा का दर्जा दिया गया। इसका कारण यह था कि पूरे देश में एक साथ हिंदी को स्थापित करना संभव नहीं था। क्योंकि हमारा देश बहुभाषी देश है। इसलिए हिंदी को धीरे-धीरे ही स्थापित किया जा सकता है। इस अभियान में समय लग सकता है। परन्तु हमें अपने प्रयास जारी रखने हैं। उन्होंने आगे कहा कि प्रत्येक स्वतंत्र राष्ट्र की अपनी स्वतंत्र भाषा है और वे अपने सरकारी कार्यों में सिर्फ उसी का प्रयोग करते हैं। उन्होंने भाषा के सरलीकरण पर बल देते हुए कहा कि हिंदी में अनेक शब्द दूसरी भाषाओं से प्रचलन में आए हैं, जिन्हें उसी रूप में अपनाया जाना उचित होगा । जिससे अपने दैनिक कामकाज में हिंदी को सरलता से अपनाया जा सके।

टीएचडीसी में आयोजित की गई ऊर्जा संरक्षण पर राज्य स्तरीय चित्रकला प्रतियोगिता-2023 -आचार्यकुलम, हरिद्वार की आरुषि सिंह ने ‌ प्रथम, द्वितीय देव सिंह, और सेंट मैरी ने तृतीय स्थान किया हासिल



ऋषिकेश- 24, नवंबर ।टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड ने ऋषिकेश में उत्तराखंड राज्य के स्कूली छात्र-छात्राओं की ऊर्जा संरक्षण पर राज्य स्तरीय चित्रकला प्रतियोगिता-2023 का सफलतापूर्वक आयोजन किया ।

शुक्रवार को यह जानकारी देते हुए डा ए एन त्रिपाठी अपर महाप्रबंधक कॉरपोरेटर संचार के जैसे भी बताया कि ऊर्जा दक्षता (बीईई), ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वावधान में आयोजित प्रतियोगिता ऊर्जा संरक्षण पर राष्ट्रीय जागरूकता अभियान में उत्तराखंड के लिए नोडल एजेंसी के रूप में टीएचडीसी की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

आर. के. विश्नोई, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ने इस अवसर पर अभियान की सफलता सुनिश्चित करने में टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड, विद्युत मंत्रालय, बीईई, राज्य सरकार और अन्य हितधारकों के बीच प्रभावी सहयोग पर प्रकाश डाला।

विश्नोई ने बताया कि टीएचडीसी द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में उत्तराखंड के विभिन्न जिलों के 283 स्कूलों के कुल 1,69,787 छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया, जो पिछले वर्ष की 1,50,388 विद्यार्थियों की संख्या से अधिक रहा।

टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के निदेशक कार्मिक, शैलेन्द्र सिंह इस प्रतियोगिता के पुरस्कार समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे , सिंह ने प्रतियोगिता में ग्रुप ए (कक्षा 5वीं, 6वीं और 7वीं) और ग्रुप बी (कक्षा 8वीं, 9वीं और 10वीं) दोनों के प्रथम, द्वितीय और तृतीय विजेताओं को रुपए 50,000/-, रुपए 30,000/- और रुपए 20,000/- के पुरस्कार प्रदान किए व साथ ही रुपए 7,500/- के 10 सांत्वना पुरस्कार भी प्रदान किया | ग्रुप ए से सुश्री शताक्षी वतश, आचार्यकुलम, हरिद्वार ने प्रथम, सुश्री आरुषि सिंह, आचार्यकुलम, हरिद्वार ने द्वितीय और देव सिंह, सेंट मैरी सीनियर सेकेंडरी स्कूल ने तृतीय स्थान हासिल किया और ग्रुप बी से रॉनित राज, आचार्यकुलम, हरिद्वार ने प्रथम, सुश्री आरोही चौधरी, सेंट मैरी सीनियर सेकेंडरी स्कूल ने द्वितीय और श्री यक्षराज सिंह, आचार्यकुलम, हरिद्वार ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।

अपने संबोधन के दौरान शैलेन्द्र सिंह ने ऊर्जा संरक्षण के महत्व को रेखांकित किया और सोच समझ कर ऊर्जा का उपयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बच्चों की चित्रकलाएं “एक धरती, अनेक प्रयास” और “लाईफ – बिना सोचे-समझे और विनाशकारी उपभोग के बजाय विवेकपूर्ण उपयोग” जैसे विषयों आधारित रही। सिंह ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि इस प्रतियोगिता के विषय जिम्मेदार ऊर्जा प्रथाओं की तत्काल आवश्यकता को दर्शाते हैं।

उन्होंने उल्लेख किया कि राष्ट्र के भविष्य के रूप में, बच्चों को इन सिद्धांतों को सीखना चाहिए और उनके प्रति अग्रसर होना चाहिए | साथ ही कहा कि बच्चों की कल्पना ने यह दिखाया है कि सबके सहयोग और साझेदारी से ही हम सुरक्षित और स्वस्थ भविष्य बना सकते हैं।उन्होने बताया कि ग्रुप ए और ग्रुप बी दोनों के प्रथम तीन विजेता नई दिल्ली में आयोजित होने वाली राष्ट्रीय स्तर की चित्रकला प्रतियोगिता में भाग लेंगे।

साथ ही उन्होंने पिछले वर्ष की उपलब्धि को भी साझा किया, जहां उत्तराखंड राज्य के एक प्रतिभागी ने ग्रुप ए श्रेणी के तहत दिल्ली में आयोजित प्रतिष्ठित राष्ट्रीय स्तर की पेंटिंग प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार जीता।

टीएचडीसी ने कर्नाटक में नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के विकास के लिए केपीसीएल और केआरईडीएल के साथ किया समझौता



ऋषिकेश,10 नवम्बर। आर.के. विश्नोई, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के दूरदर्शी मार्गदर्शन के तहत , टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड ने कर्नाटक राज्य में नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के विकास के लिए बैंगलोर में केपीसीएल (कर्नाटक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड) और केआरईडीएल (कर्नाटक नवीकरणीय ऊर्जा विकास लिमिटेड) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

यह जानकारी कॉरपोरेटर संचार के अपर महाप्रबंधक डॉ ए एन त्रिपाठी ने देते हुए बताया किइस सहयोगात्मक प्रयासों में विभिन्न प्रकार की परियोजनाओं का विकास शामिल है, जिसमें भूमि पर मांउट करके स्थापित की जाने वाली, फ्लोटिंग सौर परियोजनाएं और पंप स्टोरेज परियोजनाओं सहित हाइब्रिड परियोजनाएं शामिल हैं जिनकी संचयी क्षमता लगभग 3270 मेगावाट हैं।इस दौरान के.जे. जॉर्ज, ऊर्जा मंत्री, कर्नाटक सरकार की उपस्थिति में आर.के.विश्नोई, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड ने कहा कि यह रणनीतिक गठबंधन न केवल स्वच्छ ऊर्जा के प्रति टीएचडीसीआईएल की प्रतिबद्धता दर्शाता है, बल्कि कर्नाटक की अग्रणी विद्युत संस्थाओं के सहयोग से इस क्षेत्र के विद्युत परिदृश्य के लिए एक आशाजनक प्रगतिगामी मार्ग भी प्रशस्त करता है।

केपीसीएल का प्रतिनिधित्व करते हुए, अपर मुख्य सचिव, ऊर्जा एवं केपीसीएल के प्रबंध निदेशक, गौरव गुप्ता एवं और केआरईडीएल की ओर से के.पी. रुद्रप्पैया, प्रबंध निदेशक, केआरईडीएल द्वारा समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। । टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड की ओर से भूपेन्द्र गुप्ता, निदेशक (तकनीकी) द्वारा समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर विजय कुमार, विशेष अधिकारी समन्वय, संदीप सिंघल, सीजीएम (एनसीआर) और मल्लिकार्जुन, डीजीएम भी उपस्थित थे।

त्रिपाठी ने बताया कि टीएचडीसीआईएल 1587 मेगावाट की संस्थापित क्षमता के साथ देश के प्रमुख बिजली उत्पादकों में से एक है, जिसका श्रेय इसकी प्रचालनाधीन परियोजनाओं को जाता है जिनमें उत्तराखंड में टिहरी बांध और एचपीपी (1000 मेगावाट), कोटेश्वर एचईपी (400 मेगावाट), गुजरात के पाटन और द्वारका में क्रमश: 50 मेगावाट और 63 मेगावाट की पवन ऊर्जा परियोजनाएं और उत्तर प्रदेश के झाँसी में 24 मेगावाट की ढुकवां लघु जल विद्युत परियोजना तथा केरल के कासरगोड में 50 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना शामिल हैं।

टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड द्वारा ऋषिकेश में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के अधिकारियों के लिए ‘ग्रीन एचआरएम’ प्रशिक्षण का आयोजन



ऋषिकेश: 04 अक्टूबर। आर. के. विश्नोई, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड ने बताया कि टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड द्वारा ऋषिकेश के सुरम्य परिवेश में स्थित टीएचडीसी के एचआरडी प्रशिक्षण केंद्र में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के वरिष्ठ अधिकारियों हेतु तीन दिवसीय “ग्रीन एचआरएम” प्रशिक्षण आयोजित किया जा रहा है।

निदेशक विश्नोई ने अवगत कराया कि यह विशेष प्रशिक्षण जयपुरिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के सहयोग से 4 अक्टूबर से 6 अक्टूबर 2023 तक आयोजित किया जा रहा है।

उन्होंने आगे बताया कि टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड का यह एचआरडी सेंटर “सीखने और विकास” के उद्देश्‍य से सभी उच्चतम मानक तकनीकों की अत्याधुनिकता के प्रसार का केंद्र रहा है। वर्तमान कार्यक्रम में, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के 22 विशिष्‍ट और वरिष्ठतम अधिकारी, जो उप महाप्रबंधक और उससे ऊपर के पदों पर हैं, इस उभरते हुए एचआरएम वर्टिकल सेंटर में प्रशिक्षण प्राप्‍त कर रहे हैं।

निदेशक विश्नोई ने कहा कि जयपुरिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट और इंडियन सोसाइटी फॉर ट्रेनिंग एंड डेवलपमेंट (आईएसटीडी) जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के सहयोग से, बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ और महारत्न सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम के वरिष्ठ अधिकारियों के लिए ज्ञान को बढ़ावा देने, विचारों के आदान-प्रदान और पेशेवर विकास को सुविधाजनक बनाने के लिए टीएचडीसी एचआरडी पहल और ओपन हाउस इंटरैक्टिव सत्रों की श्रृंखला आयोजित करता है।

निदेशक विश्नोई ने बताया कि टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड समय-समय पर अग्रणी केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (सीपीएसयू) और विद्युत क्षेत्र के प्रमुखों के लिए ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों की मेजबानी करने के लिए अपने अनुभव का विस्तार कर रही है। एचआरडी केंद्र तकनीकी उत्कृष्टता के प्रमाण के रूप में खड़ा है और प्रतिभागियों को अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त प्रसिद्ध संकायों तक पहुंच प्रदान करता है, जिससे यह देश में कौशल वृद्धि के लिए एक अद्वितीय गंतव्य बन जाता है।

तीन दिवसीय कार्यक्रम की शुरुआत टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के निदेशक (कार्मिक)  शैलेंद्र सिंह की उपस्थिति में एक उद्घाटन समारोह के साथ हुई। अपने संबोधन में,  शैलेंद्र सिंह ने “लाइफ”, “पर्यावरण के लिए जीवन शैली” के महत्व को रेखांकित किया, और सभी उपस्थित लोगों से न केवल मानव संसाधन प्रबंधन के क्षेत्र में बल्कि जीवन शैली में प्रकृति के साथ तालमेल को अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने 2070 तक “नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन” प्राप्त करने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य की दिशा में भारत को आगे बढ़ाने में ऐसे प्रयासों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।निदेशक  विश्नोई ने कहा कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम एचआरएम में पर्यावरण सहजता को बढ़ावा देने के लिए टीएचडीसी की अटूट प्रतिबद्धता का उदाहरण है। यह भारत के पर्यावरण संरक्षण के व्यापक राष्ट्रीय एजेंडे के साथ सहजता से संरेखित है। उन्होंने कहा कि यह अपने हरे-भरे परिसर और अत्याधुनिक सुविधाओं का उच्‍चतम उपयोग करते हुए संगठन के राजस्व पोर्टफोलियो में महत्वपूर्ण योगदान देता है।