न्यायालय में अतिक्रमण से लंबी लड़ाई के बाद ऋषिकेश डिग्री कालेज की जमीन मुक्त होने पर बनी प्राइवेट पार्किंग, शनिवार सेेेे छात्र संघ महाविद्यालय प्रशासन के खिलाफ करेगा आवाज बुलंद 


ऋषिकेश 31 मई। ऋषिकेश के एक मात्र महाविद्यालय की रेलवे रोड स्थित संपत्ति जो की लंबे समय से दशको से अवैध कब्जों के शिकार रही थी, उसको किसी तरह कोर्ट में लंबी लड़ाई के बाद यह भूमि महाविद्यालय प्रशासन को मिली थी,  परन्तु इसके बावजूद भी यह भूमि शहर के एक आश्रम/ होटल के मालिक के यहां आने वाले यात्रियों की गाड़ियों हेतु पार्किंग के लिए दे दी गई। 

जिस पर विश्वविद्यालय प्रशासन पर छात्र संघ पदाधिकारीयों ने सवाल खड़े किए हैं। छात्र संघ अध्यक्ष ने शनिवार को इस मामले में कार्रवाई की बात कही।

रेलवे रोड पर नीरज भवन के समीप राजकीय महाविद्यालय की अपनी भूमि है। जिस पर कबाड़ के कारोबारी और लकड़ी के कारोबारी का वर्षों से अवैध कबजा रहा है। महाविद्यालय प्रशासन इसको लेकर न्यायालय में लंबी लड़ाई लड़ता रहा है। आखिर में कोर्ट के आदेश पर इस भूमि को खाली करना पड़ा। महाविद्यालय प्रशासन ने इसमें अपनी बाउंड्री कर गेट लगा दिया था।
शुक्रवार को यहां नजारा बदला हुआ था। कई छोटी गाड़ियां संबंधित भूखंड के भीतर खड़ी की गई थी। गेट पर श्री दादू आश्रम/होटल कार पार्किंग का बोर्ड लगा हुआ था।

छात्र संघ अध्यक्ष ने बताया कि उन्हें जब इस बात की जानकारी मिली तो उन्होंने श्री देव सुमन कैंपस ऋषिकेश के डायरेक्टर डॉ एमएस रावत से बातचीत की। जिससे वह संतुष्ट नहीं हुए अतः इस मामले में शनिवार को महाविद्यालय प्रशासन के खिलाफ आवाज उठाई जाएगी।

इस बारे में जब  महाविद्यालय प्रशासन से बात की तो उन्होंने बताया कि दो दिन के लिए संबंधित संस्था को जगह पार्किंग के लिए दी है। 

परन्तु सवाल यहां उठता है कि जिस तरह से कोर्ट द्वारा लंबे संघर्षों के बाद अवैध अतिक्रमण से मुक्त कराई गई संपत्ति को किसी भी संस्था को स्थाई या अस्थाई रूप से नहीं दिया जा सकता

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