हम सब अपने भीतर के हिंदुत्व के भाव को यदि पहचान कर एकजुट हो जाए तो राष्ट्र की प्रगति को कोई नहीं रोक सकता: डॉ मोहन भागवत


ऋषिकेश 3 जुलाई। हम सब के भीतर हिंदुत्व है, बस उसको पहचानने की आवश्यकता है। यह भाव संस्कृति, संस्कार वेशभूषा या किसी भी रूप में हो सकता है। यदि हम इस भाव के साथ एकजुट हो जाए तो राष्ट्र कि प्रगति को कोई नहीं रोक सकता।

यह बात आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघ संचालक डॉ मोहन भागवत ने भाऊराव देवरस सेवा न्यास की ओर से नव निर्मित माधव सेवा विश्राम सदन के लोकार्पण समारोह में कही।

बुधवार को ऋषिकेश पहुंचे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक डा. मोहन भागवत ने कहा कि सेवा मानव का परम धर्म है। आज जनसेवा में लोक संपर्क महत्वपूर्ण स्थान है, लेकिन जब लोक संपर्क का अभाव होगा तो जनसेवा का उद्देश्य कैसे प्राप्त होगा।

उन्होंने कहा कि आज भारत की विश्व में प्रतिष्ठा बढ़ी है, आज कोई देश भारत पर बुरी नजर रखता है तो उसे घर में घुसकर मारा जाता है। उन्होंने कहा कि यह सदन सेवा और समर्पण का प्रत्यक्ष
उदाहरण है। निश्चित रूप से उत्तराखंड के सुदूर क्षेत्र से आने वाले मरीजों के परिजनों और मैदानी क्षेत्र के लोगों को भी इसका भरपूर लाभ मिलेगा।उन्होंने कहा कि इस कार्य के माध्यम से हम निश्चित रूप से समाज सेवा का आदर्श प्रस्तुत कर रहे हैं।

बताते चलें ऋषिकेश एम्स के नजदीक वीरभद्र मार्ग पर भाऊराव देवरस सेवा न्यास द्वारा चार मंजिला माधव सेवा विश्रम सदन का नव निर्माण किया गया है।
दो वर्ष के भीतर यह विश्राम सदन बनकर तैयार हुआ है। 1.40 लाख स्क्वायर फीट भूमि पर इस प्रोजेक्ट में 30 करोड़ की लागत आई है। जिसमें करीब 150 दानदाताओं ने अपना सहयोग किया है। यहां 120 कमरे हैं, 430 बेड की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।

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